उपभोक्ता फोरम के आगे झुकना पड़ा छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को, भरने…

1.27 करोड़ रुपए, संपदा अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का असर


संतोष मिश्राा/दुर्ग। जिला उपभोक्ता फोरम, दुर्ग (district consumer forum, durg) के आगे छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड (chhattisgarh housing board) को झुकना पड़ा  (bow to) । फोरम द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद एक अधिकारी (officer) ने फोरम में 1.27 करोड़ रुपए (1.27 crore rupees) की राशि जमा कराई (submit) है।


सोमवार को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी (officer) द्वारा अपने वकील के मार्फत यह राशि (1.27 crore rupees) जमा कराई गई (submit)। दरअसल अधिकारी ने उपभोक्ता फोरम के पूर्व ओदशों की अवहेलना की थी। ये बोर्ड द्वारा निर्मित तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी भिलाई के अलग अलग मामलों में जारी किए गए थे।


लेकिन इन आदेशों की अवहेलना के मद्देनजर फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम, दुर्ग (district consumer forum, durg) की इस कार्रवाई ने हाउसिंग बोर्ड को झुका कर कर (tumbled to) रख दिया।


जिसके बाद अधिकारी ने उपभोक्ता फोरम में लंबित निष्पादन प्रकरणों में से 42 परिवादियों हेतु अपने अधिवक्ता के माध्यम से 1.27 करोड़ रुपये जमा कराये। हाउसिंग बोर्ड ने शेष प्रकरणों में राशि जमा नहीं करते हुए इसके लिये अवसर मांगा है।


पूरा मामला एक नजर में


रहवासियों ने की थी बोर्ड के खिलाफ शिकायतें
तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी भिलाई के कुछ रहवासियों ने जिला उपभोक्ता फोरम (district consumer forum, durg) में कुछ शिकायतें की थी। जिनकेे आधार पर वर्ष 2016 से 2019 के बीच जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा हाउसिंग बोर्ड के विरुद्ध आदेश पारित किया गया था। उपभोक्ताओं ने अपनी शिकायतों में कहा था कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा किए गए वायदे के मुताबिक उक्त कॉलोनी में ऑडिटोरियम, क्लब हाउस, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के लिए राशि मकान की कीमत के साथ अतिरिक्त तौर पर वसूल कर ली थी। लेकिन उन सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराया गया।


व्यवसायिक कदाचरण का आक्षेप भी
रहवासियों ने बोर्ड पर सर्विस टैक्स की अवैध वसूली तथा निर्माण में देरी की शिकायत करते हुए बोर्ड पर सेवा में निम्नता एवं व्यवसायिक कदाचरण किए जाने का आक्षेप लगाया था। इन शिकायतों की सुनवाई में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा वर्ष 2016 से 2019 के बीच अनेकों मामलों में हाउसिंग बोर्ड के खिलाफ आदेश पारित किए गए थे।


राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से भी नहीं मिल पाई थी राहत


हाउसिंग बोर्ड ने जिला उपभोक्ता फोरम के आदेशों को राज्य उपभोक्ता आयोग रायपुर एवं राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई दिल्ली में चुनौती दी थी। राज्य उपभोक्ता आयोग में हाउसिंग बोर्ड की अपील आंशिक रूप से स्वीकार की गई थी और राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने हाउसिंग बोर्ड को कोई राहत नहीं देते हुए मकान मालिकों से लिया गया सर्विस टैक्स वापस करने और मानसिक क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया था।


इसके बाद भी छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा कई महीने बीतने के बाद भी न ही आदेशित राशि जमा की जा रही थी और ना ही कॉलोनी के बचे हुए कार्यों के संबंध में कोई उचित जवाब दिया जा रहा था। जिसके मद्दनेजर जिला उपभोक्ता फोरम बोर्ड के संपदा अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करना पड़ा।


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