रणथंभौर से 26 बाघों के गायब होने की जिस गोपनीय रिपोर्ट का भास्कर ने खुलासा किया था, उसके बाद मचे बवाल पर वन विभाग ने लीपापोती की कोशिश की है। वनमंत्री सुखराम विश्नोई के कहने पर गुरुवार को जांच के आदेश हुए। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर ने केवल सीसीएफ स्तर के इकलौते अधिकारी को जांच सौंपकर 15 दिन में रिपोर्ट चाही है। इसी अधिकारी को इससे पहले सितंबर 2019 में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शेर-बाघों की मौत की जांच सौंपी थी। जयपुर में रहते हुए ही भी जांच 20 दिन तक नहीं सौंपी गई। जांच अधिकारी केवल रुटीन रिकार्ड लेकर मामले को टरकाते रहे। स्थिति भी तक साफ नहीं है। अब उसी अधिकारी को नेशनल पार्क के लंबे चौड़े एरिया में जाकर 15 दिन में जांच करने का आदेश हास्यास्पद है।
खुलासे के बाद मचे बवाल को साधने के जतन
आदेश से साफ है कि केवल विधानसभा में साख बचाने के लिए खानापूर्ति के आदेश किए गए हैं। चूंकि भास्कर के खुलासे के बाद विधानसभा में चित्तौड विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने मामला उठाया था। इसके अलावा सांसद दीया कुमारी ने भी मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखकर मुख्यमंत्री से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। बुधवार को भी सदन में मसला उठा था।
सरिस्का में बाघ की मौत की जांच एपीसीसीएफ ने की थी
रणथंभौर से बाघों के गायब होने के मामले में गंभीरता इसी पर दिखाई पड़ती है कि जिस मामले में हायर लेवल कमेटी और निष्पक्ष लोगों को जांच सौंपी जानी थी, वहां केवल इकलौते सीसीएफ के जांच सौंपी है। जबकि सरिस्का में कुछ साल पहले एक बाघ की मौत की जांच तत्कालीन चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन स्तर के एपीसीसीएफ को सौंपी गई थी।
जांच के लिए सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू का फ़ौरी आदेश, संशय का ‘यदि’
रणथंभौर के गायब बाघों से सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू तोमर अभी तक अनभिज्ञ हैं। जांच के फौरी आदेश में उनकी भाषा से यही झलकता है। उन्होंने लिखा है कि यदि उक्त बाघ विद्यमान नहीं पाए जाते हैं तो ‘अधिनस्थ स्टाफ’ की शिथिलता पर जांच हो। जबकि गायब बाघों की रिपोर्ट सीएमओ भेजी गई है। वहीं अधीनस्थ के बजाए लापरवाही ऊपर स्तर पर जांची जानी है। जिसके लिए उन्होंने ‘लोकसेवकों की शिथिलता या लापरवाही का उत्तरदायित्व निर्धारण कर मांगा है, जो इस स्तर के अधिकारी इस समयावधि में कैसे करेंगे? जांच के आधार पर उपाय, सुझाव भी मांगे हैं, जो उन्हीं की बैठकों में कई बार तय हो चुके और मंत्री सहित उन्होंने ही इस ओर कुछ नहीं किया।