जोधपुर शहर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निशाने पर है। यहां आईएसआई एजेंट राशिद मिलिट्री एरिया में टेलर की दुकान लेने की फिराक में था। षड़यंत्र था कि राशिद यहां टेलर बनकर रहता और खुफिया जानकारियां जुटाकर पाक भेजता। हालांकि, इन इरादों के सफल होने से पहले ही सेना इंटेलिजेंस विंग और एटीएस ने उसे 4 दिन पहले उत्तर प्रदेश के बनारस से गिरफ्तार कर लिया। राशिद से पूछताछ में ये खुलासे हुए हैं। राशिद को दुकान और अन्य संसाधन जुटाने के लिए आईएसआई मोटी रकम दे रही थी। अनुमान है कि राशिद ने दुकान के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क भी किया था। स्थानीय इंटेलिजेंस ने माना कि राशिद टेलर की दुकान खोलने वाला था।
स्थानीय आईबी का कहना है कि राशिद स्थानीय लोगों के संपर्क में नहीं आया था। राशिद जोधपुर में स्थानीय लोगों से संपर्क में है या नहीं, अब इसकी जांच होगी। राशिद सिलाई का काम भी जानता है, इसलिए मिलिट्री एरिया में टेलर की दुकान खाेलना तय किया ताकि कोई शक भी नहीं करता। उसके पास दो सिम मिलीं। इनमें से एक सिम के वॉट्सएप नंबर पर पाक में बैठे आईएसआई के आका उसे दिशा-निर्देश देते थे।
जोधपुर इसलिए अहम
देश की पश्चिमी सीमा के निकट सबसे बड़ा शहर जोधपुर ही है। यहां एयरफोर्स व सेना की छावनी, रक्षा प्रयोगशाला, बीएसएफ सीमांत मुख्यालय हैं।
पहले भी पकड़े गए हैं एजेंट
2001-02 में सैन्य इलाके में आईएसआई एजेंट मुनीर अहमद किराए पर महेंद्र चौधरी के नाम से रह रहा था। उसने स्थानीय होने के सबूत भी बना दिए थे। वह सैन्य इलाके के पास रहते हुए मुखबिरी कर रहा था। उसे आईबी और एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था।