शिर्डी में जन्मस्थली को लेकर विवाद के बीच थानवी परिवार का दावा- फलोदी के पुष्करणा ब्राह्मण थे साईंबाबा

शिर्डी और पाथरी में साईंबाबा के जन्मस्थली को लेकर चल रहे विवादों के बीच जाेधपुर जिले के थानवी परिवार ने फलोदी में जन्मस्थली होने का दावा किया है। उन्होंंने खुद को साईं बाबा का वंशज बताते हुए दावा किया है कि साईं बाबा का असली नाम बागमल थानवी था और वे फलोदी के पुष्करणा ब्राह्मण थे। उनका कहना है कि वे सालों उनका श्राद्ध करते आ रहे हैं, उनके परिवार को इसकी जानकारी नेपाली बाबा ने दी थी।



राजस्थान हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश देवनारायण थानवी का कहना है कि इस संबंध में नेपाली बाबा ने उन्हें भी 40 साल पहले जानकारी दी थी और वे भी उसी थानवी परिवार के सदस्य हैं। फलोदी के रहने वाले हनुमान थानवी का कहना है कि करीब 40 साल पुरानी बात है, जब जस्टिस थानवी रेलवे मजिस्ट्रेट के पद तैनात थे। वह कुछ प्रबुद्ध लोगों के साथ नेपाली बाबा के दर्शन करने जोधपुर के सिद्धनाथ मंदिर गए थे। यहां जस्टिस थानवी का परिचय करवाया गया तो नेपाली बाबा ने कहा कि साईं बाबा भी फलोदी के पुष्करणा ब्राह्मण थे और उनका जन्म फलोदी में लटियाल माता मंदिर के पास हुआ था।


नेपाली बाबा ने बताया कि उनका नाम बागमल थानवी था। हनुमान थानवी ने बताया कि इस संबंध में जस्टिस थानवी ने जब अपने पिता जयनारायण थानवी से पूछा तो उन्होंने बताया कि इसमें सत्यता है और हम भी उसी परिवार से जुड़े हैं। वहीं, साईं बाबा के परिवार से जुड़ी एक वृद्धा सुखीदेवी थानवी ने बताया कि जब उनकी शादी हुई तो उनकी सांस कहा करती थी कि उनके एक जेठ भी थे, जो 15 वर्ष की उम्र में संत बन गए और उनका नाम बागमल थानवी था।



यह जानकारी मिलने के बाद थानवी परिवार फलोदी के पूर्व विधायक बालकृष्ण थानवी के साथ नेपाली बाबा से मिलने पहुंचे तो उन्होंने फिर इस बात की पुष्टि की। जन्म स्थली पर भी कोई निर्माण नहीं करवाया गया। इनका कहना है कि यहां साईं बाबा का मंदिर ही बनाएंगे।



ये भी दावा
बागमल थानवी के भाई जीवनलाल थानवी उन्हें 1885 में ढूंढने भी गए और वे मिले भी लेकिन उन्होंने आने से इनकार कर दिया। शिर्डी के मंदिर के एक रजिस्टर में भी साईं बाबा का नाम बागमल थानवी अंकित है।



यह बताया था नेपाली बाबा ने
नेपाली बाबा ने बालकृष्ण थानवी काे बताया कि उनकी दीक्षा साईं बाबा व गजानंद बाबा के साथ हुई थी और तीनों केशवानंद महाराज के शिष्य थे। एक बार नर्मदा के किनारे हट करने पर साईं बाबा ने बताया था कि वे फलोदी के पुष्करणा ब्राह्मण हैं और उनका नाम बागमल थानवी था और वे माता लटियाल के मंदिर के पास रहते थे और वहीं उनकी जन्म स्थली है।



ये है बागमल थानवी का परिवार
बागमल थानवी, हरिराम थानवी के पुत्र थे और 15 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर पहले मुंबई व फिर नासिक चले गए थे। इसके बाद उन्होंने दीक्षा ले ली थी। परिवार वाले मनाने के लिए गए, लेकिन उन्होंने लौटने से इनकार कर दिया। उनके तीन भाई थे, जिनका नाम जीवनलाल, किशोरीलाल और देवकृष्ण थानवी था, लेकिन देवकृष्ण के अलावा किसी की कोई संतान नहीं थी। हनुमान प्रसाद थानवी देवकृष्ण के पौत्र हैं।


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